
डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना: ग्रामीण युवाओं के लिए स्वरोजगार का सुनहरा अवसर
🐄 योजना का परिचय
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 14 अप्रैल 2025 को डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के शुभ अवसर पर “डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना” की शुरुआत की गई। इस योजना का उद्देश्य है डेयरी उद्योग को बढ़ावा देना, ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ना और दूध उत्पादन की क्षमता को राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाना।
इस योजना के अंतर्गत राज्य के पात्र नागरिकों को 25 दुधारू पशुओं की डेयरी यूनिट स्थापित करने के लिए ₹42 लाख तक का ऋण, सरकारी अनुदान (सब्सिडी) और प्रशिक्षण सहायता प्रदान की जाती है। यह योजना विशेष रूप से अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़े वर्गों के युवाओं के लिए लाभकारी है।
🌟 योजना शुरू करने के पीछे के उद्देश्य
- डेयरी उत्पादन को बढ़ावा देना:
मध्य प्रदेश राज्य का राष्ट्रीय दूध उत्पादन में योगदान लगभग 9% है। सरकार इसे 20% तक बढ़ाने के लक्ष्य के साथ काम कर रही है। - ग्रामीण आत्मनिर्भरता और रोजगार सृजन:
इस योजना के तहत युवाओं को अपने गांव में ही रोजगार स्थापित करने का अवसर मिलेगा, जिससे उन्हें शहरों की ओर पलायन नहीं करना पड़ेगा। - SC/ST वर्ग को सशक्त बनाना:
योजना के माध्यम से सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों को आर्थिक रूप से मज़बूत बनाकर आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम बढ़ाया जा रहा है। - पशुपालन में आधुनिकता और प्रशिक्षण का समावेश:
डेयरी प्रशिक्षण, संरचित इकाइयाँ, स्वास्थ्य और उत्पादन में तकनीक का प्रयोग इस योजना को खास बनाता है।
✅ योजना के प्रमुख लाभ
लाभ | विवरण |
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ऋण सुविधा | ₹42 लाख तक की बैंक ऋण सहायता 25 पशुओं की डेयरी यूनिट स्थापित करने हेतु |
सरकारी सब्सिडी | – SC/ST: 33% ( |
प्रशिक्षण अनुदान | योजना शुरू करने से पहले ₹1 लाख तक का प्रशिक्षण ग्रांट |
शून्य ब्याज ऋण विकल्प | कुछ मामलों में ब्याज का भुगतान सरकार द्वारा किया जाता है |
पुनः आवेदन का विकल्प | एक लाभार्थी 2 साल बाद एक और यूनिट के लिए आवेदन कर सकता है (अधिकतम 8 यूनिट यानी 200 पशु तक) |
📋 पात्रता मानदंड
- आवेदक मध्य प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए।
- आयु कम से कम 21 वर्ष होनी चाहिए।
- आवेदक के पास 3.5 एकड़ कृषि भूमि होनी चाहिए।
- मान्यता प्राप्त संस्थान से डेयरी प्रशिक्षण प्राप्त होना चाहिए।
- लाभार्थी को 7 वर्षों तक यूनिट को संचालित करने की प्रतिबद्धता देनी होगी।
📑 आवश्यक दस्तावेज़
- आधार कार्ड
- निवास प्रमाणपत्र
- जाति प्रमाणपत्र (यदि लागू हो)
- बैंक खाता विवरण (पासबुक)
- प्रशिक्षण प्रमाणपत्र
- पासपोर्ट आकार फोटो
- कृषि भूमि का स्वामित्व प्रमाण
- डिजिटल हस्ताक्षर स्कैन
- आवेदन शुल्क भुगतान की रसीद
आवेदन प्रक्रिया
- आधिकारिक पोर्टल पर जाएं
- रजिस्ट्रेशन करें – आधार OTP के माध्यम से।
- आवेदन फॉर्म भरें – व्यक्तिगत, बैंक, भूमि और प्रशिक्षण संबंधित जानकारी भरें।
- दस्तावेज़ अपलोड करें – आवश्यक दस्तावेज स्कैन कर अपलोड करें।
- प्रोसेसिंग शुल्क का भुगतान करें – ऑनलाइन माध्यम से।
- फाइनल सबमिशन करें – आवेदन जमा करें और उसका स्टेटस ट्रैक करें।
🏦 ऋण और सब्सिडी वितरण
- ऋण बैंक द्वारा स्वीकृत किया जाएगा।
- सब्सिडी (33% या 25%) राज्य सरकार द्वारा डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से लाभार्थी को दी जाएगी।
- योजना का क्रियान्वयन पशुपालन एवं डेयरी विभाग, मध्य प्रदेश द्वारा किया जा रहा है।
डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना न केवल एक वित्तीय सहायता योजना है, बल्कि यह ग्रामीण भारत में सशक्तिकरण और आर्थिक स्वतंत्रता की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह योजना पशुपालन क्षेत्र को नया जीवन देती है और युवाओं को अपने गांव में ही आत्मनिर्भर बनने का अवसर प्रदान करती है।
यदि आप ग्रामीण क्षेत्र से हैं और आपके पास भूमि है तथा आप पशुपालन में करियर बनाना चाहते हैं, तो यह योजना आपके लिए वरदान साबित हो सकती है। आज ही आवेदन करें और अपने सपनों को साकार करें।
लेखक: बुंदेली टाइम्स टीम
प्रकाशित तिथि: 15 जून 2025
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